Saturday, July 30, 2011

कांग्रेसी सांसदों और राबर्ट का भी रिश्ता है येदियुरप्पा के खेल में

कर्नाटक के लोकायुक्त संतोष हेगड़े की वह रिपोर्ट आ गयी है जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री येदियुरप्पा और उनके परिजनों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. अपनी रिपोर्ट में लोकायुक्त ने कहा है कि राज्य में खनन क्षेत्र में 16 हजार 85 करोड़ का घोटाला हुआ है जिसमें से 30 करोड़ रूपया मुख्यमंत्री येदियुरप्पा और उनके परिजनों को दिया गया है.


लेकिन इस रिपोर्ट में एक चौंकानेवाला खुलासा यह है कि जिस साउथ वेस्ट माइनिंग कंपनी ने येदियुरप्पा के परिवार को ये तीस करोड़ रूपये दिये हैं वह माइनिंग कंपनी कांग्रेसी सांसद नवीन जिंदल के भाई सज्जन जिंदल की है. पूरा देश जानता है कि जिंदल परिवार खुलेआम कांग्रेसी है. सज्जन जिंदल के पिता ओपी जिंदल हरियाणा में कांग्रेस के मंत्री थे, तो उनकी मां सावित्री जिंदल आज भी हरियाणा सरकार में मंत्री हैं.

सबसे बड़ा सवाल उठाया गया है नवीन जिंदल के भाई सज्जन जिंदल के जेएसडब्लू की सब्सियडरी कंपनी साउथ वेस्ट माइनिंग पर. लोकायुक्त संतोष हेगड़े का कहना है कि सज्जन जिंदल की इस कंपनी ने दस करोड़ रूपये येदियुरप्पा के परिवार के प्रेरणा ट्रस्ट को दिये तथा बीस करोड़ रूपये में येदियुरप्पा के परिवार से एक ऐसी जमीन खरीदी जिसकी बाजार में कीमत महज 1.4 करोड़ थी.


सज्जन जिंदल देश के बड़े स्टील व्यापारी है और उनकी कंपनी जिंदल स्टील वर्क्स का सालाना कारोबार 23 हजार करोड़ है. यह जिंदल स्टील वर्क्स ओपी जिंदल समूह का हिस्सा है जिसकी एक अन्य कंपनी जेएसडब्लू इनर्जी में यही सज्जन जिंदल अध्यक्ष हैं और कांग्रेस के सांसद नवीन जिंदल उपाध्यक्ष. नविन जिंदल राहुल गाँधी के काफी करीबी है . अगर कांग्रेस आज मीडिया में कर्णाटक और यदुराप्प्पा चिल्ला रही है तो इस देश को पूरी सच्चाई क्यों नहीं बताती ? एक तरफ यदुर्रप्पा को सबसे बड़ा भ्रष्ट बता रही है लेकिन नविन जिंदल और सावित्री जिंदल का नाम पर लोकायुक्त ने सबसे बड़ा आरोप लगाया है ..


जाहिर है जब कर्नाटक में खदानों को खोदकर खजाना भरने की होड़ लगी हो तो सज्जन जिंदल भला क्यों पीछे रहते. सज्जन जिंदल ने तत्काल एक अस्थाई कंपनी बनाई और उसके नाम पर कर्नाटक में लोहा खोदने पहुंच गये. लोकायुक्त संतोष हेगड़े ने अपनी रिपोर्ट में सवाल उठाया है कि " जो कंपनी आर्थिक तौर पर स्थिर नहीं है, उसके द्वारा असामान्य भुगतान किए जाने के बारे में मुङो यह समझने में बहुत कठिनाई हो रही है कि क्या कोई उधार लेकर दान करेगा।’


लेकिन कांग्रेस सोनिया गाँधी के नाम पर चूप क्यों है ? जब सोनिया गाँधी ने राजनीती में कदम रखा तब उस समय यूपी में कांग्रेस की हालात बहुत खराब थी . रायबरेली में सोनिया को हार का डर सता रहा था , फिर कांग्रेस ने उनके लिए सबसे आसान सीट की तलाश की . गौरतलब है की पुरे देश में सिर्फ बेल्लारी ही एक ऐसी सीट है जहा आज़ादी के बाद आज तक कभी कांग्रेस हारी नहीं है .


इसलिए कांग्रेस ने बेल्लारी के किंग और उस समय कांग्रेस के सदयस रेड्डी भाईओं से सोनिया गाँधी को हर हाल में जिताने की आपील की . असल में सोनिया गाँधी उत्तर भारत और दक्षिण भारत दोनों जगह से हर हाल में जीतकर देश की जनता को ये सन्देश देना चाहती थी की उनका प्रभाव पुरे देश में है .. आप लोगो को याद होगा की जब इंदिरा गाँधी ने राजनीती में कदम रक्खा था तो उन्होंने भी यही किया था .जाहिर है रेड्डी भाई जो उस समय एक सड़क छाप दादा और माफिया हुआ करते थे और उनके पिता एक मामूली कांस्टेबल थे सोनिया को जिताने के नाम पर उसकी खूब कीमत ली . सोनिया गाँधी बेल्लारी से जिताने के बाद रेड्डी भाईओ का पुरे दक्षिण भारत में तूती बोलने लगी और रेड्डी बंधुओ के लिए आन्ध्र और कर्णाटक में कही भी खनन करने का मौका मिल गया .. उस समय इंडिया टुडे ने एक रिपोट भी दिया था “रेड्डी रिपब्लिक” ..


आज कांग्रेस मिडिया में भ्रम फैला रही है . जो भी लोकायुक्त ने घोटाला उजागर किया है वो पिछले आठ सालो का है . यदुर्रप्पा सिर्फ तीन साल से मुख्यमंत्री है .

                                              *************************************
                                              *************************************
                                                  ********************************
                                                          ************************
                                                                    ***************
                                                                            *******
                                                                                ***
                                                                                  *

No comments:

Post a Comment