Tuesday, July 5, 2011

प्रतिभा पाटील क्यों बनी राष्ट्रपति ?

यूपीए यानी कि कॉंग्रेस तथा सत्ताधारी दल ने राजस्थान की राज्यपाल प्रतिभा पाटील को भारत के  राष्ट्रपति के रूप में अपना उम्मीदवार घोषित किया था।
जाहिर है, ऎसे में उनके जीतने की संभावना भी ज्यादा थी।
क्या खास बात है प्रतिभा पाटील में कि वे भारत की अगली राष्ट्रपति बनें? क्या किया है उन्होंने भारत के लिए जो वे भारत की सर्वोच्च पद पर बैठें? भारत के कितने लोग जानते हैं उन्हें?
जवाब हैं- पहला, वे महिला हैं, दूसरा वे महाराष्ट्र की राजनीति में रही हैं, तीसरा, शायद कुछ सौ लोग जानते होंगे उन्हें।
लेकिन उनकी सबसे बड़ी काबिलियत यह है कि वे कॉंग्रेस और गांधी परिवार की लगातार वफादार रही हैं।
इसलिए एक अरब की आबादी वाले इस देश के सर्वोच्च पद पर, तीनों सेनाओं के कमांडर के पद पर एक ऎसी महिला   जिन्हें इस देश का आम आदमी जानता तक नहीं है, जिन्होंने इस देश के लिए ऎसा कुछ नहीं किया जो किसी को याद हो।

देश की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील किसी जमाने में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के घर में रसोई बनाती थीं। इसी वफादारी के लिए काँग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने उन्हें राष्ट्रपति बना दिया।
देश की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील किसी जमाने में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के घर में रसोई बनाती थीं। इसी वफादारी के लिए काँग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने उन्हें राष्ट्रपति बना दिया। राजस्‍थान के पंचायती राज और वक्फ राज्यमंत्री आमीन खां ने  राजस्थान में  कॉंग्रेस कार्यकर्ताओं को  पार्टी के प्रति वफादारी की नसीहत देते हुए ये चौंकाने वाला खुलासा किया है। 
आमीन खां ने कहा कि आपातकाल के दौरान प्रतिभा पाटील पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के घर में रसोई बनाया करती थीं।
और उनका राष्ट्रपति पद तक पहुँचना उनकी वफादारी का परिणाम है। जब राष्ट्रपति के चयन की बात आई तो सोनिया गाँधी ने पाटील की उसी वफादारी को देखते हुए उनका नाम लिया। आमीन खाँ  ने सभी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे भी प्रतिभा पाटील की तरह सभी निस्वार्थ भावना से कार्य करते रहें। क्या मालूम कब किसी के घर फोन आ जाए कि आपको पार्टी में या सरकार में बड़ा पद दिया गया है।

भारत का राष्ट्रपति पद क्या इतना सस्ता हो गया है कि उसपर अब सिफारिशी नेता बैठें?
शायद समय आ गया है कि भारत के राष्ट्रपति का चुनाव भी अब जनता के सीधे वोट द्रारा किए जाने की मांग उठाई जाए।


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