आइये जाने
Saturday, July 30, 2011
दर्द
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"दर्द होता रहा छटपटाते रहे ,
आईने से सदा चोट खाते रहे !
वो वतन बेचकर मुस्कुराते रहे ,
हम वतन के लिए सिर कटाते रहे !”
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